एक साथ अट्ठाईस प्रभारी चिकित्साधिकारियों नें दिया सामूहिक इस्तीफा
वाराणसी
जनपद के डिप्टी सीएमओ डॉ. जंग बहादुर की कोरोना के कारण हुई मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि बुधवार की शाम को वाराणसी जनपद के 28 प्रभारी चिकित्साधिकारियों नें मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीवी सिंह को अपना सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया। चिकित्सकों के इस्तीफा सौंपने की सूचना मिलते ही जनपद में हड़कंप मच गया है। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों नें इस सामूहिक इस्तीफे की वजह सहायक नोडल अधिकारी/ डिप्टी कलेक्टर पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। वाराणसी के सभी शहरी एवं ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारियों नें बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अपना त्यागपत्र सौंप दिया है। इस सामूहिक त्यागपत्र में 28 प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं।
त्यागपत्र के मजमून के अनुसार "अवगत कराना है कि 9 अगस्त को सहायक नोडल ऑफिसर/ डिप्टी कलेक्टर द्वारा जारी समस्त प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्गत पत्र जिसमें कोविड-19 के दौरान किए गए कार्यों को अपर्याप्त बताते हुए तथा समस्त कार्यों पर अनावश्यक दबाव बनाते हुए सभी को दोषी ठहराया जाना तथा टारगेट पूरा न होने पर अपराधी करार देना और मुकदमा दायर कराने की धमकी देना इत्यादि के क्रम में हम सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी मानसिक दबाव में कार्य करने में असमर्थ हैं। सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों नें इस पत्र में एडिशनल सीएमओ की मौत के लिए भी प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। चिकित्साधिकारियों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से मृतक डिप्टी सीएमओ को बर्खास्त करने की धमकी दी गई थी। शायद इसी के सदमे में उनकी मौत हुई है। चिकित्साधिकारियों नें सवाल उठाया है कि डिप्टी सीएमओ की मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा। चिकित्सकों के इस्तीफा देने की खबर से वाराणसी जनपद से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया है। इस मामले में जब जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन नहीं उठा।