प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम न देनें वालों प्रधानों के खिलाफ की जाएगी विधिक कार्यवाही
बस्ती
कोरोना वायरस के कारण लाॅकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत नियमित रूप से काम उपलब्ध कराया जाना है। इसमें भेदभाव करने के दोषी पाये गये प्रधानों के खिलाफ विधिक कार्यवाही की जायेगी। उक्त चेतावनी जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने दी है। वह विकास भवन सभागार में समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। समीक्षा में उन्होनें पाया कि 1235 में से 850 ग्राम पंचायतों में काम शुरू हो पाया है।
उन्होनें कहा कि अभी तक कोरोना से रोकथाम एवं बचाव के उपाय किए जा रहे थे। अब गाँव में आये हुए प्रवासी मजदूर को कार्य भी उपलब्ध कराना है ताकि उनकी आर्थिक स्थिति सुधर सके। उन्होनें कहा कि तालाब का सौन्दर्यीकरण, चकमार्गो का मरम्मत, वृक्षारोपण के अलावा सामुदायिक शौचालय, आगनबाडी़ भवन, खेल मैदान एवं अन्य मनरेगा से जुड़े कार्यो को तत्काल शुरू कराया जाए। इस दौरान प्रत्येक व्यक्ति मास्क लगायेगा, शारीरिक दूरी अपनायेगा तथा व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखेगा।
उन्होने निर्देश दिया कि जिन कार्यो में भूमि विवाद या आपसी विवाद है उसे तत्काल एसडीएम के संज्ञान में लाकर समाधान करायें। जिन परिवारों के पास जाबकार्ड नहीं है उन्हें जाबकार्ड उपलब्ध करायें। जो व्यक्ति काम माँगता है उसे प्राथमिकता के आधार पर जाति, धर्म, सम्प्रदाय, लिंग, भेद से ऊपर उठकर कार्य अवश्य उपलब्ध कराया जाए। उपायुक्त मनरेगा तथा डीपीआरओ इसकी डेली मानीटरिंग कर उन्हें रिपोर्ट देंगे।
उन्होनें कहा कि प्रत्येक मोहल्ले एवं ग्राम में निगरानी समितियाँ गठित की गयी है इन समितियों के माध्यम से कोरोना वायरस के कारण होम कोरेन्टाइन किए गये लोगों पर निगरानी रखी जायेगी। होम कोरेन्टाइन के नियमों का पालन न करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर करायी जायेगी। बाहर से आये हुए सभी व्यक्तियों को 21 दिन होम कोरेन्टाइन में रखा जायेगा।
उन्होनें बताया कि होम कोरेन्टाइन किए गये व्यक्ति के घर पर आशा फ्लैग लगायेगी तथा हर तीसरे दिन कोरेन्टाइन किए गये व्यक्ति का निरीक्षण करेंगी। कोरोना का लक्षण पाये जाने पर तत्काल इसकी सूचना प्रभारी चिकित्साधिकारी एवं जिला कंट्रोल रूम 05542,287774 पर देंगी। निगरानी समिति प्रत्येक कोरेन्टाइन किए गये व्यक्ति आशा, एएनएम एवं अन्य को जोड़ते हुए एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनायेंगी, जिसमें सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सके।
उन्होनें बताया कि कोरेन्टाइन किए गये प्रवासी मजदूर के घर से मात्र एक व्यक्ति को आवश्यक वस्तुओ की खरीद के लिए घर से बाहर जाने की अनुमति होगी। बाहर निकलने के दौरान वह मास्क, गमछा या दुपट्टा का प्रयोग करेगा। 21 दिन की कोरेन्टाइन अवधि पूरी होने पर आशा इसकी सूचना ब्लाक पर देंगी तथा घर पर लगे फ्लैग को हटायेगी।
निगरानी समिति प्रत्येक दिन देंगी सूचना
जिलाधिकारी नें निेर्देश दिया है कि सभी निगरानी समितियाँ प्रत्येक दिन एसडीएम एवं बीडीओ को गाँव में आये प्रवासी व्यक्तियों की सूचना देंगे। इसके अलावा प्रवासियों की होमकोरेन्टाइन अवधि, कोरोना के लक्षण तथा कोरेन्टाइन नियमों का उल्लंघन करने की सूचना भी देंगे।
उन्होने सीएमओं को निर्देशित किया है कि शासन के नये निर्देशों के क्रम में कोरोना वायरस का प्रोटोकाल अपनायें जाने की जानकारी सभी चिकित्साधीक्षक, एएनएम, आशा तथा मेडिकल टीम के सभी सदस्यों को दिलाकर इसका अनुपालन करायें।
बैठक में सीडीओ सरनीत कौर ब्रोका, एडीएम रमेश चन्द्र, सीएमओ डाॅ. जेपी त्रिपाठी, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीना, उप जिलाधिकारी श्रीप्रकाश शुक्ला, नीरज पटेल, आशाराम वर्मा, पीडी आरपी सिंह, डीडीओ अजीत श्रीवास्तव, उपायुक्त मनरेगा इन्द्रपाल सिंह, डाॅ. फखरेयार हुसेन, डाॅ. सीके वर्मा, संजेश श्रीवास्तव, रमन मिश्रा, विनय सिंह सहित सभी खण्ड विकास अधिकारी, प्रभारी चिकित्साधिकारी उपस्थित रहे।