अघोर साधना का केंद्र "क्रीं कुंड" कीनाराम बाबा मंदिर 

अघोर साधना का केंद्र "क्रीं कुंड" कीनाराम बाबा मंदिर


काशी महात्म्य 
 यह कुंड काशी के शिवाला मोहल्ले में स्थित है। इसका मुख्य द्वार रविंद्र पुरी कॉलोनी मार्ग की तरफ है। यह तपोभूमि अघोर पीठ बाबा कीनाराम स्थल के नाम से प्रसिद्ध है। अनेक प्राचीन ग्रंथों में भी इसकी विशेषताओं का उल्लेख मिलता है। क्रीं कुंड केदारखंड में स्थित है जिसे धार्मिक दृष्टि से काफी पवित्र क्षेत्र माना जाता है। इस खंड के दक्षिणी भाग में विशाल बेल वृक्ष होने के कारण बेलवरिया के नाम से भी से जाना जाता था। बढ़ती जनसंख्या के कारण बेल के कट जाने और उनकी जगह ऊंची ऊंची अट्टालिकाओं ने ले ली। यहां मां हिंगलाज के नाम पर रमणीक ताल स्थित था जिसका नाम था  "हिंग्बा ताल" इसके मध्य में मां हिंगलाज के बीज मंत्र पर आधारित क्रीं कुंड है। यह सभी नाम प्राचीन भू अभिलेखों में आज भी उपलब्ध है। इसी के मध्य स्थित है अघोर पीठ बाबा कीनाराम स्थल। इस अघोर तपस्थली के मुख्य द्वार पर स्थित दोनों खंभों पर एक के ऊपर एक स्थित तीन मुंड अभेद प्रतीक हैं। जो यह दर्शाते हैं कि ब्रह्मा विष्णु तथा महेश में भेद नहीं है। जनमानस में यह धारणा प्रचलित है कि किसी भी प्रकार की विपत्ति व आपदा से हतोत्साहित व्यक्ति, रविवार को मंगलवार को पाँच दिन क्रीं कुंड में स्नान करें या मुंह-हाथ धोने के बाद आचमन करे तो उसका कष्ट निवारण हो जाएगा। इस लोक अवधारणा के चलते यहां के प्रति रविवार व मंगलवार को श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होती है। कीनाराम स्थल पर जलने वाली "धूनी" का भस्म ही यहाँ का प्रसाद है।


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